Thursday 30 March 2017

ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिग सुविधाओं में बढातरी

ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिग सुविधाओं में बढातरी-कर्नल सेानाराम चौधरी
बैंकेा में स्टाफ एवं गावों में बैंक मित्रों के साथ ही नेटवर्क प्रोपर करे


संसद के बजट सत्र में गुरूवार केा बाडमेर जैसलमेर सांसद कर्नल सेानाराम चौधरी ने नियम 377 के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिग सुविधाओं में बढातरी और बैंकेा में स्टाफ एवं गावों में बैंक मित्रों के साथ ही नेटवर्क प्रोपर करने का मुद्दा उठाया। सांसद के निजी सचिव अशोक शर्मा ने कहाँ की सांसद चौधरी ने बताया की बाडमेर-जैसलमेर संसदीय क्षेत्र को प्रस्तुत करता हूॅ जिसका क्षेत्रफल 60 हजार वर्ग किमी है। वेा पूर्णत्यः विकट  भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यहां देष अन्य भू भागों की तुलना में संसाधनों का बहुत अभाव है। यहां के ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों का जीवन स्तर आजादी के 60-70 साल गुजरने के बावजुद भी बहुत कमजोर है। इसका कारण है कि जनसंख्या 33 लाख है, जिसका 735 किमी हिस्सा पडौसी देष पाकिस्तान की सीमा से सटा है। यहॉ का 85 प्रतिषत हिस्सा डार्कजोन है यहा पानी की बहुत कमी है। देष आजादी के बाद यदि रिकॉर्ड उठाकर देखा जाये 40-42 बार यहां अकाल पड चुका है। उक्त सभी परिस्थितियों के कारण यहां के लोग अपने जीवन यापन के लिए के देष के अन्य उतरी-पूर्वी या दक्षिणी राज्यों में व्यापार, नौकरी या मजदूरी करने हेतु पलायन करते है या वे सरकार द्वारा चलाये जा रहे लोककल्याणकारी कार्य जैसे मनरेगा या अन्य सरकारी येाजनाओं पर निर्भर है।  सरकार द्वारा जिस प्रकार  मनी ई ट्रांस्फर येाजना, सरकारी येाजनाओं में भ्रष्टाचार को रोकने एवं पादर्षिता बनाये रखने के लिए ऑन लाईन पैसे जमा करवाना आदि का जो कार्य करवाया जा रहा है वेा सराहनीय है।
 सांसद के निजी सचिव अशोक शर्मा ने कहाँ की सांसद चौधरी ने बताया यदि  केवल बाडमेर जिले की स्थिति देखे तो यहां  17 पंचायत समितियॉ है 490 ग्राम पंचायते है। 3000 हजार से अधिक राजस्व ग्राम है यहां कि ज्यादतर बसावट ढाणियों में निवास करते है। जहां बैंकों एवं पोस्ट ऑफिस के माध्य सें राषि का लेन देन होना बहुत ही मुषकिल हो पा रहा है क्योंकि (ं) मात्र 169 विभिन्न बैंकों की षाखा है जिनमें 48 जिला मुख्यालय बाडमेर या  बालेातरा में है। षेष 121 बैंकों की षाखाऐं है। जिनमें से ज्यादातर ग्रामीण बैंक एवं सहकारी बैंक ही है। छंजपवदंसपेमक ठंदा तो एक भी नहीं है। ऐसी स्थिति में आम ग्रामीण मजदूर, किसान, वृद्वावस्थाजन, सभी अपनी कमाई के पैसे प्राप्त करने के लिए लगभग 70-80 किमी दूर पास के बडे कस्बों की बैंक में जाते है। वहां कार्मिकों की कमी के कारण लोगों केा समय पर पैसा नहीं मिल पाता (इ) एक प्रधान डाकधर, 4 स्थानों पर एसएलजी, दो स्थानों 2 त्रिव्यक्ति डाकधर,15 स्थानों पर द्विव्यक्ति डाकधर,13 स्थानो पर एकल व्यक्ति डाकधर है।(ब) विभिन्न बैंकों के बैंक-मित्र टण्ब्ण्; ठनेपदमेे ब्वततमेचवदकमदजद्ध जो ग्रामीण क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं वे इसलिए ैनबबमेे नहीं  है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में नहीं होने के कारण उनकी मषीनें सही रूप में कार्य नहीं कर पा रही है।
 अतः मेरा माननीय प्रधानमन्त्री एवं वित मन्त्री से विषेष आग्रह करते हुए सुझाव है कि
1 . मेरे संसदीय क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकों की षाखाओं में वृद्वि की जावे, जिसके लिए बैंक षाखा खोलने के छवतउे में षिथिलता प्रदान करावे।
2. इस क्षेत्र में विभिन्न बैंकों में पर्याप्त मात्र में अधिकारी एवं कर्मचारियों केा च्वेज किया जावे।
3. विभिन्न दूरसंचार की सरकारी एवं निजी कम्पनियों केा पाबन्द किया जावे कि वेअपनी सुविधाऐं यानि इन्टरनेट नेटवर्क पहाडी एवं मरूस्थलीय क्षेत्रों केा प्राथमिकता पर मे उपलब्ध करावें।
4 बैंक-मित्रों की संख्या बढाई जावें। पहाडी,मरूस्थलीय एवं अन्य विकट भैागोलिक परिस्थिति के क्षेत्रों में कार्य कर रहे बैंक मित्रों केा प्रोत्सान हेतु अतिरिक्त मानदेय या सुविधाऐं उपलब्ध करवाई जावें। अतः मैं माननीय प्रधानमन्त्री, वित मन्त्री एवं दूरसंचार मन्त्री से निवेदन है ठंदापदह ैलेजमउ व दूरसंचार सेवाओं में सुधार हो ताकि संसदीय क्षैत्र के लोगों केा उक्त समस्याओं में सुधार हो। ताकि हमारे प्रधानमन्त्री जी का नारा श् सबका साथ, सबका विकास सार्थक सिद्ध हो।

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